जो हुआ सो हुआ, चल अब आगे बढ़ते हैं,
अतीत को भुलाकर, नयी शुरुआत करते हैं,
जीतते हैं फ़िर से वो, जो हारें हैं रफ़्ता-रफ़्ता,
एकवेग नहीं हौले-हौले ही हालातों से लड़ते हैं,
फिसलकर ही सही, सँभलना तो सीख गए हम,
गलतियों को सबक़ में बदलना तो सीख गए हम,
हारे हैं तो एक तरीका भी सीखा कल न हारने का,
खाकर ठोकर बार-बार, निखरना तो सीख गए हम,
अब जो सीखे हैं उसी के सहारे नई राह पे पग धरते हैं,
जो हुआ सो हुआ ऐ दिल मेरे, चल नई शुरुआत करते हैं।
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