कहने को तो आज भी हथेलियां खाली हैं मेरी,
मगर माँ है मेरे साथ तो फिर जहान है मेरे पास,
मेरे ख्वाब हैं जिससे, जिससे शुरू हर ख़ुशी है मेरी,
मेरी माँ के आंचल तले उड़ने को आसमान है मेरे पास…!
BY:— © Saket Ranjan Shukla
IG:— @my_pen_my_strength
मेरी माँ के आंचल तले उड़ने को आसमान है मेरे पास…!
कहने को तो आज भी हथेलियां खाली हैं मेरी,
मगर माँ है मेरे साथ तो फिर जहान है मेरे पास,
मेरे ख्वाब हैं जिससे, जिससे शुरू हर ख़ुशी है मेरी,
मेरी माँ के आंचल तले उड़ने को आसमान है मेरे पास…!
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