मेरे पास छोड़ जाओ तुम ये यादें अपनी,
मैं दिल अपना उनसे ही बहलाया करूँगा,
ख्वाबों में ही हुआ करेगी मुलाकातें अपनी,
ख्यालों में मिलके तुमसे मुस्कुराता फिरूँगा,
ठहर जाने की अब जो कोई गुंजाइश नहीं है,
हालात कुछ ही पल में क्या इतने बिगड़ गए,
तुमसे क्या खुद से भी कोई फरमाइश नहीं है,
साथ चलते चलते हम क्यों ऐसे ही बिछड़ गए,
तुम भूल जाना मुझे, मैं रखूँगा याद ये बीती शामें अपनी,
जो मेरा है सब तुम रख लो, बस छोड़ जाओ यादें अपनी।
BY:— © Saket Ranjan Shukla
IG:— @my_pen_my_strength
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
Well penned
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