रंगो से रंगा हो शमा सारा, माहौल में खुशहाली हो,
मस्ती में डूबा मन, होठों पर मुस्कान की लाली हो,
धमाचौकड़ी मची रहे घर-आँगन में हर्षोल्लास की,
खाने को भी मालपुओं, गुझियों से सजी थाली हो,
खेलें होली ऐसे कि बैरी भी दोस्त बने, बैर हार जाए,
रूठे मनाने हैं, गुलाल ये आपसी खटास से पार पाए,
न द्वेष न हो मन में किसी के, उमंग हो बस होली की,
मीठे पकवानों से बोल मीठे हों, ईर्ष्या प्रेम से मात खाए,
सुरक्षित ढंग से खेले रंग, खीझे न कोई हमारे खीवन से,
मनाएँ होली अबकि ऐसे कि मिटे नकारात्मकता जीवन से।
BY:— © Saket Ranjan Shukla
IG:— @my_pen_my_strength
कुछ कठिन शब्दार्थ 👇🏻
खीझना :— झुँझलाना, चिढ़ना, कुढ़ना (Geting Annoyed)
खीवन :— मतवालापन, मस्ती (Fun/Enjoyment)
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