क्यों जहमत करूँ

कुछ लोग समझेंगे नहीं तो उन्हें क्यों समझाया जाए...

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Saket Ranjan Shukla
Saket Ranjan Shukla 02 Jun, 2020 | 1 min read
Life

क्यों जहमत करूँ मैं, तुम्हें अपना कोई भी सच बताने की,

ज़रूरत क्या है मुझे, तुम्हारी नज़रों में पाक नजर आने की,

मुझे तो आवारा समझते हो ना, फिर मैं वैसा ही रहना चाहूँगा,

क्यों करूँ फिर मैं कोशिश, तुम्हारे दिए कलंक को मिटाने की,


मैं बर्बाद हूँ, बेकार हूँ, मूर्खों का सरदार हूँ, चलो ये मान लिया,

तुम्हारी सुनकर, तुम्हारे नज़रिए से भी खुद को पहचान लिया,

मैं ख़ुश हूँ खुद से मगर, तुम्हारी बातों को काटना नहीं चाहूँगा,

तुम ठहरा देना गलत मुझे, मैं करूँगा वही जो है मैंने ठान लिया,


जब तक घमंडी सर पर तुम्हारे शौक ये सवार है मुझे आजमाने का,

मैं पागलों की तरह क्यों कोशिश करूँ तुम्हें अपना हाल समझाने का।

BY:— © Saket Ranjan Shukla

IG:— @my_pen_my_strength

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Saket Ranjan Shukla

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