आजाद भारत की आजाद सोच से मिलकर देखो,
क्या कहती हैं उनकी खामोशियाँ ज़रा सुनकर देखो,
देखो कि हमारा भारत क्या सचमुच आजाद हुआ है,
अगर हाँ तो इस आजादी की कीमत समझ कर देखो
ये वो आजादी है, जो हमारे पूर्वज छोड़ गए विरासत में,
वही आजादी, जिसे हम भुला रहे हैं धर्म के सियासत में,
बाँट डाला है देश को टुकड़ों में फिर भी संतुष्ट नहीं हैं हम,
देश को देश नहीं, रोटी का टुकड़ा समझ रखा है रियासत ने,
अशिक्षा है मगर उससे लड़ना नहीं, धर्म के नाम पर होते दंगे हैं,
किसी ने घूस से है जेब भरी तो कई लोग सड़कों पे सोते नंगे हैं,
काहे का राजनेता, काहे की सत्ता, सिर्फ भ्रष्टाचार की सरकार है,
जितने भी यहाँ समाज के झूठे रक्षक हैं सबके हाथ खून से रंगे हैं,
खुशहाली का वादा करके, सिर्फ लाचारी और बदहाली परोसते हैं,
अपने किए कराए का सारा इल्जाम ये, बस एक दूसरे पर थोपते हैं,
सियासती बातों को छोड़ भी दें तो हम ही कौन सा दूध के धुले हुए हैं,
आँखो से नाइंसाफी और जुर्म होते हुए देखकर भी कहाँ उसे रोकते हैं,
हाँ, हमारा देश महान है, महान है हमारी संस्कृतियाँ जिन्हें हम भुला रहे हैं,
यही आजादी मिली थी हमें कुर्बानियों से, जिसे हम मिट्टी में मिला रहे हैं,
हमारी सभ्यता जो कभी विश्वविख्यात थी, आज उससे ही नज़रें चुराते हैं,
लालच और स्वार्थ के कारण इस देश की पौराणिक पहचान मिटा रहे हैं,
भारत माँ के दामन को नोचते आए हो कभी ईमानदारी से उसे सिलकर देखो,
अगर कहते हो खुद को लाल इस देश का तो यहाँ की मिट्टी से मिलकर देखो।
BY:— © Saket Ranjan Shukla
IG:— @my_pen_my_strength
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
Beautifully written
Thank you so much 🙇🙇🙇
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