उत्तरायण व मकर संक्रांति की हार्दिक शुभकामनाएं

उत्तरायण व मकर संक्रांति की हार्दिक शुभकामनाएं

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Saket Ranjan Shukla
Saket Ranjan Shukla 14 Jan, 2025 | 1 min read
#काव्यSaga #बोलतीकविताओंकासंग्रह #my_pen_my_strength

कोहरे में ढँकी सी कंपकंपाती हुई शीत ऋतु की भोर है,

ओस की जमी सी चादर ओढ़े प्रकृति सजी चहुँ ओर है,


सुस्ताए से हैं सब पशु-पक्षी, किरणों की बाट जोह रहे हैं,

दिनकर भी अलसाये से मद्धिम तेज से सबको मोह रहे हैं,


धनु राशि से निकल, जो भानु मकर राशि में प्रविष्ट हो गए,

उत्तरायण से हो उदित मार्तंड, अतिशुभ और विशिष्ट हो गए,


नई कृषि का आरंभ होगा, खेत खलिहान नए हो लहलहाएँगे,

खरीफ की फसल जो घर आई, उसका भी हम लुत्फ़ उठाएँगे,


न हो यदि महाकुंभ स्नान तो उसका स्मरण तो अवश्य कर लेंगे,

करके स्नान-ध्यान प्रथम पहर में, यथासँभव दान-पुण्य कर लेंगे,


तत्पश्चात् दही-चूड़ा, तिलवा-तिलकुट, घेवर, तिल की मिठाइयाँ,

और अनरसा खाकर मनाएँगे मकर संक्रांति और बाँटेंगे बधाइयाँ,


होके फिर निवृत्त हर काज से, चलिए नभ को पतंगों से सजाते हैं,

खाते पीते हर्षोल्लास से मकर संक्रांति का ये हम त्यौहार मनाते हैं।


BY :— © Saket Ranjan Shukla

IG :— @my_pen_my_strength

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Saket Ranjan Shukla

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