कुछ और बात करते हैं

कुछ और बात करते हैं

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Saket Ranjan Shukla
Saket Ranjan Shukla 17 Jun, 2021 | 1 min read
#my_pen_my_strength

राज़ को राज़ ही रहने दो, कुछ और बात करते हैं,

दिल को ख़ामोश रहने दो, कुछ और बात करते हैं,


क़िस्से मेरे सफ़र के अनकहे रह जाएँ तो अच्छा है,

ज़ख्मों को यूँ छुपे रहने दो, कुछ और बात करते हैं,


क्या क्या हुआ मेरे साथ, किसका कितना क़सूर था,

ये बातें मुझ तक ही रहने दो, कुछ और बात करते हैं,


अश्क़ क्यों सूखे हैं आँखों में, ये छाले कैसे हैं पाँवों में,

अतीत को अतीत ही रहने दो, कुछ और बात करते हैं,


है परवाह “साकेत" की या तुम भी मज़े ही लेने आए हो,

हमदर्दी तुम्हारे पास ही रहने दो , कुछ और बात करते हैं।


BY :— © Saket Ranjan Shukla

IG :— @my_pen_my_strength

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