कोई फरियाद नहीं

कोई फरियाद नहीं

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Saket Ranjan Shukla
Saket Ranjan Shukla 02 Jul, 2020 | 1 min read
#poetry Life #hindipoetry Reality #my_pen_my_strength #hindi

रास्ता भटक गया हूँ, मंज़िल का भी कुछ याद नहीं,

बिखर जो गया हूँ, अब किसी से कोई फरियाद नहीं,

ख़ुद को मैं खोने लगा हूँ, इस भीड़ भाड़ भरे सफ़र में,

कुछ सुनने समझने की समझ नहीं रही इस बेखबर में,


लेकिन ये जो भी हुआ है ये पहली मर्तबा तो नहीं हुआ,

ख़्वाबों का आशियां सिर्फ मेरे हाथों बर्बाद तो नहीं हुआ,

जाने कितनों ने लूटा है मेरे सपनों को हमसफ़र बनकर,

मुझे मुझसे भी दूर कहीं ले गए लोग मेरा रहबर बनकर,


मगर तलाश लूँगा मैं खुद को, भले मुझे मैं भी अब याद नहीं,

ख़ुद का सहारा खुद बनना है, गैर किसी से कोई फरियाद नहीं।

BY:— © Saket Ranjan Shukla

IG:— @my_pen_my_strength

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