मेरी बहनें

मेरी बहनें

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Saket Ranjan Shukla
Saket Ranjan Shukla 01 Aug, 2021 | 1 min read
#lovepoetry #poetry Life #lovestory #my_pen_my_strength

छोटी हों या बड़ी मुझे सताती बहुत हैं,

मुझपर हक़ ये अपना जताती बहुत हैं,

कुछ माँगती नहीं हैं, सीधे छीन लेती हैं,

ख़ुद भी डाँटती हैं, सुनवाती भी बहुत हैं,


मुझ पर मुझसे ज़्यादा अधिकार है इनका,

डर से ही मगर हर हुक्म स्वीकार है इनका,

प्यार भी करती हैं और चिढ़ती भी हैं मुझसे,

बड़ा अजीब सा और अनूठा प्यार है इनका,


हारने कभी देती नहीं, मेहनत करवाती बहुत हैं,

साथ-साथ रहकर, हौसला भी मेरा बढ़ाती बहुत हैं।


BY:— © Saket Ranjan Shukla

IG:— @my_pen_my_strength

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Saket Ranjan Shukla

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