हर रोज जो मेरी गली से तुम, मुझसे नज़रें चुराकर गुज़र जाते हो,
सच कहो कि मोहब्बत आँखों में रखकर जुबां से कैसे मुकर जाते हो...?
BY:—© Saket Ranjan Shukla
IG:— @my_pen_my_strength
आंखें बहुत कुछ कह जाती हैं मगर फिर भी जुबां से कुछ सुन लेने की उम्मीद लगी रहती है
हर रोज जो मेरी गली से तुम, मुझसे नज़रें चुराकर गुज़र जाते हो,
सच कहो कि मोहब्बत आँखों में रखकर जुबां से कैसे मुकर जाते हो...?
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