मैं बदतमीज

चलते बनते दिखो ना

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Saket Ranjan Shukla
Saket Ranjan Shukla 22 Aug, 2020 | 1 min read
#poetry Life #hindipoetry #my_pen_my_strength

मैं अपना सफ़र ,अपनी मंज़िल खुद चुनूँगा,

किसी से कोई इज़ाजत थोड़े ही माँग रहा हूँ,

मेरी ज़िन्दगी, मेरे फैसले, मेरा साम्राज्य है ये,

किसी और की रियासत थोड़े ही माँग रहा हूँ,


मैं जिधर भी जाऊँ, जिस ओर भी कदम बढ़ाऊँ,

तुम होते कौन हो मुझे गलत सही समझाने वाले,

मैं ख्वाब खुद बुना करूँ, सिर्फ खुदकी सुना करूँ,

तुम होते कौन हो मेरी सोच पर बंदिश लगाने वाले,


मेरी हद मुझे बताते हो, अपनी हद में तो रहना सीखो ना,

जानते हो कि बदतमीज हूँ मैं, फिर चलते बनते दिखो ना।

BY:— © Saket Ranjan Shukla

IG:— @my_pen_my_strength

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Saket Ranjan Shukla

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