मेरी मोहब्बत को कोई गलत नाम मत दो,
आशिक़ी को मेरी, ऐसा भी अंजाम मत दो,
मुझे जिस्मानी नहीं रूहानी इश्क़ था तुमसे,
मेरी वफाओं को बेवफाई का इल्जाम मत दो,
मैंने अपना सब कुछ खोया, तुम्हारे पीछे आकर,
ये दिल भी टुकड़े टुकड़े हुआ, तुमसे दिल लगाकर,
मैं बिखरा भी इस क़दर की अब सँभलना ही भूल गया,
तुमने तो सिर्फ अपना वक़्त ही बिताया, मुझे आजमाकर,
खुद को हार बैठा तुम्हारे लिए, मुझे साजिश का इल्जाम तो मत दो,
तुम्हारे लिए खुद से बिछड़ा मैं, अब इसे तो दिल्लगी का नाम तो मत दो।
BY:— © Saket Ranjan Shukla
IG:— @my_pen_my_strength
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