मैं आज मेरे ही ख़िलाफ़ खड़ा हुआ हूँ,
अभिमानवश ख़ुद से भी बड़ा हुआ हूँ,
ज़िन्दगी ना जाने अब, क्या मोड़ लेगी,
होकर बेपरवाह, घमंड में पड़ा हुआ हूँ,
ख़ुद को सबसे बलवान समझने लगा हूँ,
ताकत के मद में महान समझने लगा हूँ,
भूल गया हूँ असल किरदार अपना आज,
जैसे कि ख़ुद को भगवान समझने लगा हूँ,
ख़ुद को बर्बाद करने पर ही अड़ा हुआ हूँ,
मैं मेरे अस्तित्व के ख़िलाफ़ ही खड़ा हुआ हूँ।
BY:— © Saket Ranjan Shukla
IG:— my_pen_my_strength
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