तुम जो मिले ऐ दोस्त

तुम जो मिले ऐ दोस्त

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Saket Ranjan Shukla
Saket Ranjan Shukla 01 Aug, 2021 | 1 min read
#poetry Life #hindipoetry #my_pen_my_strength Friendship day

बिना मांगे हरेक बार मुझे सहारा मिला जैसे,

मेरे मन की तरंगों को कोई किनारा मिला जैसे,

तुम जो मिले ऐ दोस्त तो मुलाकात हुई है ख़ुद से,

पतझड़ के मौसम में मुझे जश्न-ए-बहारा मिला जैसे,


तुम्हारे बिना कहाँ अपनी भी कोई राह चुन पाता हूँ मैं,

तुम जो साथ न हो तो कहाँ ख़ुद की भी सुन पाता हूँ मैं,

तुम्हारे होने से ही मुझे मेरे ख़ास होने का एहसास होता है,

तुम्हारी सलाहों के बिना कोई ख़्वाब भी कहाँ बुन पाता हूँ मैं,


तभी तो कहता हूँ, तुम मिले हो तकदीर का इशारा मिला जैसे,

साथ चलने को, साथ भटकने को मुझे मुझ सा आवारा मिला जैसे।


BY:— © Saket Ranjan Shukla

IG:— @my_pen_my_strength

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Saket Ranjan Shukla

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