मैं नकारा ही सही

मैं नकारा था तो वही सही..!

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Saket Ranjan Shukla
Saket Ranjan Shukla 17 Jun, 2020 | 1 min read
#poetry Life #hindipoetry #my_pen_my_strength

मैं बेकार था, नकारा ही सही,

बदमाश था, आवारा ही सही,

ना पता कोई ना ठिकाना मेरा,

मैं मुसाफ़िर था, बंजारा ही सही,


मिट्टी में मिल रही थी इज्ज़त मेरी,

मैं आसमां का टूटा सितारा ही सही,

जमाने में रही नहीं शायद कोई पूछ मेरी,

शायद मैं सरेआम, गया धिक्कारा भी सही,


कुछ करने की राह पर, बस अड़चने लगाते आए लोग,

समझ ना सके सपने मेरे, इसलिए मुझे दुत्कारा भी सही,

समझना चाहा नहीं लेकिन इल्जाम बखूबी लगाते आए लोग,

बेकार सफाई दी मैंने, था इनके लिए बेकार, था नकारा ही सही।

By:— © Saket Ranjan Shukla

IG:— @my_pen_my_strength


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Saket Ranjan Shukla

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