नहीं चाहिए तुम अब

शर्तों वाली मोहब्बत नहीं चाहिए मुझे

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Saket Ranjan Shukla
Saket Ranjan Shukla 04 Feb, 2021 | 1 min read
#my_pen_my_strength

रहने भी दो अब तुमसे इकरार नहीं चाहिए मुझे,

ख़ुद को खोकर तुम्हारा ये प्यार नहीं चाहिए मुझे,


एक लंबे अरसे से तुम्हारी राह तकता आया हूँ मैं,

शर्तें रख रहे हो तो अब ये इंतजार नहीं चाहिए मुझे,


तुम्हारी तारीफ़ अल्फाजों में बयां करते थकता ना था,

मगर अब ख़ुद में ऐसा कोई फनकार नहीं चाहिए मुझे,


बस तुम्हें पाने की चाह थी, जो अब खो रहा हूँ धीरे धीरे,

झूठे वादों की नींव पर बना, कोई संसार नहीं चाहिए मुझे,


और हैं रौशन महफिलें “साकेत” की तुम्हारे बिना भी आज,

मेरे ग़ज़लों में तुम्हारे जिक्र का ये इश्तहार, नहीं चाहिए मुझे।

BY :— © Saket Ranjan ShuklaI

IG :— @my_pen_my_strength

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