हुआ क्या है हमें..?

कभी कभी ख़ुद पर शक होने लग जाता है कि हो क्या रहा है हमें…क्यों हम जैसा सोचते हैं वैसा कुछ कर नहीं पाते हैं

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Saket Ranjan Shukla
Saket Ranjan Shukla 17 Sep, 2021 | 1 min read
#my_pen_my_strength

हर बार ख़ुद को कम क्यों आँकने लगते हैं हम,

क्यों मुश्किल आते ही पीछे झाँकने लगते हैं हम,


यूँ तो बड़ी-बड़ी बातें करते हैं हार कर जीतने की,

फ़िर क्यों शुरुआती ठोकरों से काँपने लगते हैं हम,


अकेले चले थे सफ़र में, हौसले अपने बुलंद करके,

फ़िर क्या सोच तक़दीर से मदद माँगने लगते हैं हम,


क़ामयाबी के लिए, हर तूफ़ान से टकराने को तैयार हैं,

नाक़ामयाबी की ज़िम्मेदारी से क्यों भागने लगते हैं हम,


क्या हुआ है हमें “साकेत", इतने बुज़दिल तो नहीं हैं हम,

आख़िर क्यों फ़िर ज़ंग से पहले ही हार मानने लगते हैं हम?


BY:— © Saket Ranjan Shukla

IG:— @my_pen_my_strength

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Saket Ranjan Shukla

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Comments

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  • Vinita Tomar · 4 years ago last edited 4 years ago

    कई बार नकारात्मकता मन मस्तिष्क को घेर लेती है।

  • Kumar Sandeep · 4 years ago last edited 4 years ago

    खूबसूरत रचना

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