जो सीखा था, भूले तो नहीं

जो सीखा था, भूले तो नहीं

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Saket Ranjan Shukla
Saket Ranjan Shukla 04 Mar, 2022 | 1 min read

बिखरे नहीं हो एक अरसे से, सँभलना तो नहीं भूले तुम,

मुश्किलों से बिना लड़े बचकर निकलना तो नहीं भूले तुम,


मंज़िल की ओर तेजी से दौड़ते हुए बढ़ रहे हो तुम अब तो,

रफ़्तार के नशे में खो, सावधानी से चलना तो नहीं भूले तुम,


अब तो अकड़कर चलने लायक हैसियत हो चुकी है तुम्हारी,

ज़रूरी तो नहीं अब, मगर हालातों में ढलना तो नहीं भूले तुम,


कामयाबियाँ क़दम चूमती हैं तुम्हारे, जिधर भी चल पड़ते हो,

पर पहले के जैसे, पाँवों तले मुसीबतों को दलना तो भूले तुम,


काम आती है ये अय्यारी भी जब सामना हो ख़ुद से “साकेत",

ज़िंदगी के रंगमंच पर, कहीं क़िरदार बदलना तो नहीं भूले तुम?


BY:— © Saket Ranjan Shukla

IG:— @my_pen_my_strength

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Saket Ranjan Shukla

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