फिर चलता हूँ

थोड़ी मोहलत दे ज़िन्दगी

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Saket Ranjan Shukla
Saket Ranjan Shukla 28 Aug, 2020 | 1 min read
#poetry Life

कुछ पल रुककर मैं आराम कर लूँ, फिर चलता हूँ,

सुकून के दो पल अपने नाम कर लूँ, फिर चलता हूँ,

थका नहीं हूँ बस थोड़ा समझना चाहता हूँ खुद को,

अपने किरदार को अपने साथ कर लूँ, फिर चलता हूँ,


चल पड़ूँगा मगर कुछ वक़्त दे कि हालात सही नहीं हैं,

उलझ गया हूँ खुद में, ऐसे उलझे जज़्बात सही नहीं हैं,

आजकल तो जैसे कुछ राज़ मैं खुद से भी छिपाने लगा हूँ,

क्यों ऐसा लगता है, तुझसे किए मेरे सवालात सही नहीं हैं,


कुछ पल को खुलकर खुद से कुछ बात कर लूँ, फिर चलता हूँ,

थोड़ी मोहलत दे ज़िन्दगी, खुद को साथ कर लूँ, फिर चलता हूँ।

BY:— © Saket Ranjan Shukla

IG:— @my_pen_my_strength

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