वही बहुत है

वही बहुत है

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Saket Ranjan Shukla
Saket Ranjan Shukla 30 Mar, 2021 | 1 min read
#my_pen_my_strength

किसी भूख को निवाला मिल जाए, वही बहुत है,

खोई कश्ती को किनारा मिल जाए, वही बहुत है,


हर कोई लड़खड़ाता है सफ़र में मुश्किलों के आगे,

डूबते को तिनके का सहारा मिल जाए, वही बहुत है,


अरमान कई दम तोड़ देते हैं अँधेरों में ही घुट घुटकर,

उम्मीदों को थोड़ा सा उजाला मिल जाए, वही बहुत है,


उलझनों में उलझन ये कि मंज़िल चुनें या सुकून तलाशें,

ऐसे में तक़दीर का कोई इशारा मिल जाए, वही बहुत है,


रोज़ की भागादौड़ी ये ज़िन्दगी “साकेत", थक जाते होगे न?

ऐसे में सुकून न सही चाय का प्याला मिल जाए, वही बहुत है।


BY:— © Saket Ranjan Shukla

IG:— @my_pen_my_strength

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Saket Ranjan Shukla

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