तेरी आँखें

शीर्षक:— तेरी आँखें शर्माती हैं तो कभी नज़रें मिलाती हैं तेरी आँखें, न जाने कैसे मुझे मुझसे ही चुराती हैं तेरी आँखें, कुछ याद रह पाता नहीं, होश में दिल आता नहीं, जादुई से इशारे कर सब कुछ भुलाती हैं तेरी आँखें, चैन है न सुकून है, न लगता है दिल किसी काम में, इंतज़ार करा कराकर बेक़रारी बढ़ाती हैं तेरी आँखें, घायल हूँ, नैनों के तीर दिल जो सीधे रुह में उतर गए, फ़िर मुस्कुराकर ज़ख्मों को और बढ़ाती हैं तेरी आँखें, नाम “साकेत" का सुनते ही जो हया से झुक जाती हैं, लगता है मेरे आँखों से इकरार ही छुपाती हैं तेरी आँखें। . ✍🏻Saket Ranjan Shukla All rights reserved© . Like≋Comment Follow @my_pen_my_strength . Share if you relate⤮ Turn on the post notifications♡ . Follow The Post👇🏻 https://www.instagram.com/p/C2rAQnJJVt3/?igsh=a3htMmZuNzl4OXht . Tags👇🏻 #eyes #eyesspeak #आँखें #aankhein #romance #romantic #स्याहीकार #my_pen_my_strength

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Saket Ranjan Shukla
Saket Ranjan Shukla 29 Jan, 2024 | 1 min read

शीर्षक:— तेरी आँखें


शर्माती हैं तो कभी नज़रें मिलाती हैं तेरी आँखें,

न जाने कैसे मुझे मुझसे ही चुराती हैं तेरी आँखें,


कुछ याद रह पाता नहीं, होश में दिल आता नहीं,

जादुई से इशारे कर सब कुछ भुलाती हैं तेरी आँखें,


चैन है न सुकून है, न लगता है दिल किसी काम में,

इंतज़ार करा कराकर बेक़रारी बढ़ाती हैं तेरी आँखें,


घायल हूँ, नैनों के तीर दिल जो सीधे रुह में उतर गए,

फ़िर मुस्कुराकर ज़ख्मों को और बढ़ाती हैं तेरी आँखें,


नाम “साकेत" का सुनते ही जो हया से झुक जाती हैं,

लगता है मेरे आँखों से इकरार ही छुपाती हैं तेरी आँखें।


BY :— © Saket Ranjan Shukla

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