बुरी आदतें छोड़ रहा हूँ

बुरी आदतें छोड़ रहा हूँ

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Saket Ranjan Shukla
Saket Ranjan Shukla 22 Sep, 2021 | 1 min read

ख़ुद से हारने से यूँ डरना छोड़ रहा हूँ,

औरों के हिसाब से चलना छोड़ रहा हूँ,


छोड़ रहा हूँ अपनों के तानों पे कान देना,

उनसे यूँ ज़ुबानी बहस करना छोड़ रहा हूँ,


हरेक सफ़र अब अपनी मर्ज़ी से चुनूँगा मैं,

गैरों के लिए, ख़ुद से झगड़ना छोड़ रहा हूँ,


नए क़िरदार में ढलूँगा मगर अपनी शर्तों पर,

औरों को देख, ख़ुद को बदलना छोड़ रहा हूँ,


अब तो बस परवाह है ख़ुद की मुझे “साकेत",

इसीलिए बेवज़ह फ़िक्रमंद रहना छोड़ रहा हूँ।


BY:— © Saket Ranjan Shukla

IG:— @my_pen_my_strength

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Saket Ranjan Shukla

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