नींद का इंतजार

मैं रात रात भर सोने की कोशिश करता हूँ मगर ये कमबखत नींद आती नहीं वक़्त पे कभी।

Originally published in hi
Reactions 0
483
Saket Ranjan Shukla
Saket Ranjan Shukla 30 May, 2020 | 1 min read

हर रात हम ख़्वाबों का इंतज़ार करते हैं,

अमूमन ये हम हर रोज, हर बार करते हैं,

ख़ुद को उस दुनिया के लिए बेकरार करते हैं,

ख़्वाबों में खोने को, बिस्तर भी तैयार करते हैं,


ना जाने क्यों ये नींद हमसे लुका छिपी खेलती है,

हमारे गुस्से को भी बड़ी ख़ामोशी से ही झेलती है,

हमारे ख्यालों को फिर, यादों की तरफ़ धकेलती है,

थका कर मेरी नज़रों को, नशे का रंग कोई उड़ेलती है,


आखिरकार हार कर उस चाँद से ही आँखें चार करते हैं,

दिल को तसल्ली दे, नटखट सी नींद का इंतजार करते हैं।

©Saket Ranjan Shukla

IG:-— @my_pen_my_strength

0 likes

Published By

Saket Ranjan Shukla

saketranjanshukla

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

Please Login or Create a free account to comment.