Saket Ranjan Shukla
Saket Ranjan Shukla 22 Oct, 2020
इक हद होती है
इक हद होती है किसी के आगे सर झुकाने की, बेवजह किसी को सही ख़ुद को गलत बताने की, एक तुम हो, जिसे अभी भी सब जायज़ लगता है, और वो हदें लाँघता जा रहा है तुम्हें आजमाने की.! BY:— © Saket Ranjan Shukla IG:— @my_pen_my_strength

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by saketranjanshukla

22 Oct, 2020

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