Saket Ranjan Shukla
Saket Ranjan Shukla 15 Sep, 2022
आखिर शायर जो ठहरा मैं
तुम तर करो लब मय से, मैं सूखा ही ठीक हूँ, बन जाओ तुम सुघर बड़े, मैं रूखा ही ठीक हूँ, तुम ले जाओ इनाम सारे झूठी तारीफें कर-कर, मैं चंद सच्ची वाह-वाहियों का भूखा ही ठीक हूँ.! BY:— © Saket Ranjan Shukla IG:— @my_pen_my_strength

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by saketranjanshukla

15 Sep, 2022

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