Saket Ranjan Shukla
Saket Ranjan Shukla 13 Nov, 2021
झूठ क्यों बोलतीं हैं बार-बार
ये जो आजकल आप रूठ जाती हैं बार-बार, दूर जाकर भी मूझपे हक़ जताती हैं बार-बार, कहती हैं मेरा ख़्याल ख़्वाब में भी नहीं आता, फिर मुझे यूँ हिचकियाँ क्यों आती हैं बार-बार.! BY:— © Saket Ranjan Shukla IG:— @my_pen_my_strength

Paperwiff

by saketranjanshukla

13 Nov, 2021

Romantic

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