Saket Ranjan Shukla
Saket Ranjan Shukla 26 Nov, 2020
एक दीया उम्मीद का
अब भी वक़्त है, ख़ुद को आज़मा कर तो देखो, एक बार फ़िर से, पूरी ताक़त लगा कर तो देखो, तकदीर को बदलने की लकीर है तुम्हारे हाथों में, अँधेरों में दीया एक उम्मीद का जला कर तो देखो..! BY:— © Saket Ranjan Shukla IG:— @my_pen_my_strength

Paperwiff

by saketranjanshukla

26 Nov, 2020

Hope

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