Saket Ranjan Shukla
29 Jun, 2021
शायर हैं हम
ये खोखले रस्मो-रिवाज हम निभा न सकेंगे,
दिल में छुपाकर ज़ख्म हम मुस्कुरा न सकेंगे,
आँखों में हो पानी तो मत बुलाना हमें ज़श्न में,
शायर हैं, महफ़िल मिली तो कुछ छुपा न सकेंगे.!
BY:— © Saket Ranjan Shukla
IG:— @my_pen_my_strength
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by saketranjanshukla
29 Jun, 2021
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