Saket Ranjan Shukla
29 Jun, 2020
भूल गए हम
मुस्कुराते हुए अपनी मंजिल की ओर रुख़ किया
और चलना ही भूल गए हम,
ये तो कुछ यूँ हुआ कि बिखरने की चाहत थी
और सँभलना ही भूल गए हम...!
BY:— © Saket Ranjan Shukla
IG:— @my_pen_my_strength
Paperwiff
by saketranjanshukla
29 Jun, 2020
ज़िन्दगी कुछ इसी तरह से चल रही है
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