Saket Ranjan Shukla
Saket Ranjan Shukla 05 Aug, 2021
ज़हर नफ़रत का
ज़हर नफ़रत का जो दिल में उतर रहा है, हाथों में आया हर कुछ आज बिखर रहा है, न मैं होश में हूँ, न मदहोशी सहारा दे रही है, लब मुस्कुराते हैं और तन सारा सिहर रहा है. BY:— © Saket Ranjan Shukla IG:— @my_pen_my_strength

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by saketranjanshukla

05 Aug, 2021

Hatred

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