Saket Ranjan Shukla
16 Aug, 2022
रोना नहीं है मुझे
अब रुक कर दो पल दम भरना ही नहीं चाहता,
अतीत की सोच सोच अब डरना ही नहीं चाहता,
अगर टूटने भर से रो पड़ा तो किसी काम न रहूँगा,
इसीलिए ही तो मैं आँखें नम करना ही नहीं चाहता.!
BY:— © Saket Ranjan Shukla
IG:— @my_pen_my_strength
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by saketranjanshukla
16 Aug, 2022
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