Saket Ranjan Shukla
Saket Ranjan Shukla 25 Feb, 2022
वो आग हूँ मैं
सफ़र-दर-सफ़र ख़ुद को बढ़ाता आया हूँ, मुश्किलों को ख़ुद ही ख़ाक बनाता आया हूँ, मेरी गरमी को झेल नहीं पाओगे ऐ रक़ीब तुम, वो आग हूँ मैं, जो आँधियों को बुझाता आया हूँ.! BY:— © Saket Ranjan Shukla IG:— @my_pen_my_strength

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by saketranjanshukla

25 Feb, 2022

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