Saket Ranjan Shukla
Saket Ranjan Shukla 27 Mar, 2021
गैरों से शिकवा नहीं
दिल में सपने नहीं, मंज़र बर्बाद लिए बैठे हैं, नम आंखें और शिकायतें हज़ार लिए बैठे हैं, गैरों से तो ख़ैर क्या शिकवा करें इस हाल में, जब ख़ुद ही अपने हाथों में कटार लिए बैठे हैं.! BY:— © Saket Ranjan Shukla IG:— @my_pen_my_strength

Paperwiff

by saketranjanshukla

27 Mar, 2021

Life

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