Saket Ranjan Shukla
14 Oct, 2024
हर आवारा बर्बाद नहीं होता
हम न ठहरते सफ़र में कहीं तो ये फसाद नहीं होता,
सब सही ही रहता अगर ये दिल आज़ाद नहीं होता,
करके गलती ये मुसाफिर को ही हमसफ़र मान बैठा,
फूटे हैं करम बस हमारे, हर आवारा बर्बाद नहीं होता.!
BY :— © Saket Ranjan Shukla
IG :— @my_pen_my_strength
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by saketranjanshukla
14 Oct, 2024
#काव्यsaga #बोलतीकविताओंकासंग्रह #स्याहीकार #my_pen_my_strength
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