Saket Ranjan Shukla
09 Aug, 2021
ढूँढें तुम्हें कहाँ-कहाँ
मेरे लिए ग़लत भी और सही भी हो तुम,
बहुत कुछ हो और कुछ नहीं भी हो तुम,
ढूँढें तुम्हें कहाँ-कहाँ, ये दीवाना दिल मेरा,
क़रीब कहीं नहीं और पास हर कहीं हो तुम.!
BY:— © Saket Ranjan Shukla
IG:— @my_pen_my_strength
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by saketranjanshukla
09 Aug, 2021
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