Saket Ranjan Shukla
Saket Ranjan Shukla 27 Dec, 2020
वो हमसफ़र मेरी
मैं उसे लिखता हूँ, वो मुझे गुनगुनाती है, मेरे अल्फाजों को खूबसूरती से सजाती है, मुझे और मेरे ख़्वाबों को भी समझती है वो, क़रीब रहकर वो मुझे, मुझसे बेहतर बनाती है.! BY:— © Saket Ranjan Shukla IG:— @my_pen_my_strength

Paperwiff

by saketranjanshukla

27 Dec, 2020

Shayari

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