Saket Ranjan Shukla
Saket Ranjan Shukla 25 Jun, 2021
क़रीब आ मेरे
क़रीब आ कि अब दूरियाँ सह नहीं पाऊँगा, रुह में बसी है तू, तेरे बिना रह नहीं पाऊँगा, दिल के जज़्बात, आँखों में मेरे पढ़ ले कभी, लबों के सहारे मैं कभी कुछ कह नहीं पाऊँगा.! BY:— © Saket Ranjan Shukla IG:— @my_pen_my_strength

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by saketranjanshukla

25 Jun, 2021

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