Saket Ranjan Shukla
Saket Ranjan Shukla 16 Jun, 2021
चुनौतियों में मज़ा
ज़ख्म ताज़ा हैं अभी, चलो कोई दवा ढूँढ़ते हैं, साँसे भी थकने लगीं, चलो थोड़ी हवा ढूँढ़ते हैं, मज़ा सा आने लगा है, चुनौतियों से टकराने में, टूट जाएँगे तो क्या, चलो फ़िर से वफ़ा ढूँढ़ते हैं.! BY :— © Saket Ranjan Shukla IG :— @my_pen_my_strength

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by saketranjanshukla

16 Jun, 2021

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