Saket Ranjan Shukla
Saket Ranjan Shukla 27 Aug, 2021
समय की आँच
अपनी इच्छाशक्ति अपने लिए ही सहेज रहा हूँ, जागती आँखों से भी सुनहरे ख़्वाब देख रहा हूँ, अभी भी थोड़ी कमी है मुझमें तजुर्बों की शायद, तभी अपनी अक्ल, समय की आँच पे सेंक रहा हूँ..! BY:— © Saket Ranjan Shukla IG:— @my_pen_my_strength

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by saketranjanshukla

27 Aug, 2021

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