Saket Ranjan Shukla
23 Jul, 2020
जो मैं टूट गया
जाने वाला गया मगर यादें मेरे पास ही अपनी छोड़ गया,
कसमों और वादों को निभाने के वादे से भी मुँह मोड़ गया,
ख्वाबगाह मेरा लुट गया, मैं फिर मुझसे ही शायद रूठ गया,
हाँ आँखें सुर्ख थीं तब, मगर अब अफ़सोस नहीं जो मैं टूट गया...!
BY:—© Saket Ranjan Shukla
IG:— @my_pen_my_strength
Paperwiff
by saketranjanshukla
23 Jul, 2020
Broken
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