Saket Ranjan Shukla
Saket Ranjan Shukla 14 Jun, 2022
क़दमों में आहट
बेईमान ज़माना, मुझमें भी शराफ़त नहीं बची, अपनों से भी ईमान बरतने की चाहत नहीं बची, हल्का हुआ मेरा क़िरदार मेरे ही किस्सों में इतना, कि सच कहूँ तो मेरे भी क़दमों में आहट नहीं बची.! BY:— © Saket Ranjan Shukla IG:—@my_pen_my_strength

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by saketranjanshukla

14 Jun, 2022

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