Saket Ranjan Shukla
Saket Ranjan Shukla 31 Dec, 2020
बेवजह क्यों टूट जाते हम
बिछड़कर उससे, ख़ुद से रूठ जाएँगे हम, लगता था जैसे ख़ुद से पीछे छूट जाएँगे हम, आज नहीं है पास वो, फ़िर भी मुस्कुरा रहे हैं, क्यों डरते थे कि शीशे की तरह टूट जाएँगे हम.! BY:— © Saket Ranjan Shukla IG:— @my_pen_my_strength

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by saketranjanshukla

31 Dec, 2020

Broken

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