Saket Ranjan Shukla
03 Aug, 2021
क्या क्या कहूँ तुम्हें
मेरी बेचैनियों का सबब और इलाज भी तुम,
मेरे लिखे सभी गीत और उनके साज भी तुम,
हमसफ़र, हमराही, हमराज़ क्या-क्या कहूँ तुम्हें,
मेरे लिए मेरा कल भी तुम थे और आज भी तुम.!
BY:— © Saket Ranjan Shukla
IG:— @my_pen_my_strength
Paperwiff
by saketranjanshukla
03 Aug, 2021
Romantic
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