Saket Ranjan Shukla
Saket Ranjan Shukla 19 Jul, 2021
नादान महबूब मेरा
मेरे ख़्वाब, मेरे ढंग में मुझसे बेहतर बुनता है, अनकही बातें सारी मेरी, बिन कहे ही सुनता है, है नादान महबूब मेरा जो मुझ मूर्ख पर फ़िदा है, हज़ारों के भीड़ में भी वो सिर्फ़ मुझे ही चुनता है.! BY:— © Saket Ranjan Shukla IG:— @my_pen_my_strength

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by saketranjanshukla

19 Jul, 2021

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