Saket Ranjan Shukla
02 Mar, 2022
मैं ही न दिखा तुम्हें
खर्च हुए हैं बेइंतहा, कुछ क़िफायत तो की होती,
गैरों को दे खुशी, सुकून की रियायत तो ली होती,
तुम्हें गैर दिखाई दिए, मैं न दिखा तुम्हें ऐ दिल मेरे,
कमसकम बिखरने से पहले, हिदायत तो दी होती.!
BY:— © Saket Ranjan Shukla
IG:— @my_pen_my_strength
Paperwiff
by saketranjanshukla
02 Mar, 2022
Heart
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