Saket Ranjan Shukla
25 Sep, 2020
सुन ऐ ज़िन्दगी
ना अलबेली सुबह चाहिए, ना मस्तानी शाम चाहिए,
ना ही शोहरत की है आरजू, ना ही कोई इनाम चाहिए,
थक गया हूँ अनचाहे रास्तों पे चल चल कर ऐ ज़िन्दगी,
मेरे हसरतों के काफिले को कुछ पलों का आराम चाहिए..!
BY:— © Saket Ranjan Shukla
IG:— @my_pen_my_strength
Paperwiff
by saketranjanshukla
25 Sep, 2020
Need a break
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