Saket Ranjan Shukla
Saket Ranjan Shukla 11 Oct, 2021
नए ख़्वाब
ख़तरों को परखना मुश्किल हो गया है, सावधानियाँ बरतना मुश्किल हो गया है, जब से नए ख़्वाब बुनने लगी हैं ये आँखें, सच कहूँ तो सब्र रखना मुश्किल हो गया है.! BY:— © Saket Ranjan Shukla IG:— @my_pen_my_strength

Paperwiff

by saketranjanshukla

11 Oct, 2021

Dreams

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