Saket Ranjan Shukla
16 Sep, 2020
आवारा नहीं मैं
मैं कोई आशिक नहीं, कोई आवारा नहीं,
नहीं मुसाफिर कोई और कोई बंजारा नहीं,
बस यूँ ही गुनगुना लेता हूँ मैं तराने लिखकर,
मैं बस कश्ती हूँ जिसका है कोई किनारा नहीं.!
BY:— © Saket Ranjan Shukla
IG:— @my_pen_my_strength
Paperwiff
by saketranjanshukla
16 Sep, 2020
Life
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