Saket Ranjan Shukla
16 Jan, 2021
ना जाने कितने हैं
कितने राज़ खोलूँ, कितने जख्म दिखाऊँ मैं,
तुम नहीं समझोगे, ये कैसे तुम्हें समझाऊँ मैं,
जिसने जैसे, जब चाहा इस्तेमाल किया मुझे,
जाने भी दो, और कितनों के नाम गिनाऊँ मैं.!
BY:— © Saket Ranjan Shukla
IG:— @my_pen_my_strength
Paperwiff
by saketranjanshukla
16 Jan, 2021
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